: बीजेपी से सांसद कंगना राणावत के खिलाफ आगर में दायर वाद 9 महीने बाद खारिज, किसानों पर अभद्र टिप्पणी का था आरोप!
THE LUCKNOW TIMES
Tue, May 6, 2025
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बीजेपी से सांसद कंगना राणावत के खिलाफ आगर में दायर वाद 9 महीने बाद खारिज, किसानों पर अभद्र टिप्पणी का था आरोप!
उत्तर प्रदेश आगरा : MP-MLA कोर्ट आगरा के न्यायाधीश अनुज कुमार सिंह ने मंगलवार को अभिनेत्री व BJP सांसद कंगना राणावत से जुड़े वाद को खारिज कर दिया है, आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता अधिवक्ता रमाकांत शर्मा ने वाद दायर किया था जिसकी करीब नौ माह से लगातार सुनवाई हो रही थी वादी अधिवक्ता रमाकांत शर्मा ने बताया कि वाद खारिज किए जाने के आदेश के विरुद्ध वह MP-MLA कोर्ट सेशन में रिवीजन डालेंगे मैं चुप नहीं बैठूंगा जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट तक जाऊंगा इस बारे में BJP सांसद व अभिनेत्री कंगना राणावत की ओर से पैरवी कर रहीं सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अनसूया चौधरी ने बताया कि मामले में कुछ नहीं था वाद खारिज किए जाने को लेकर तमाम रूलिंग और अपने तर्क दिए थे, जिस पर ही कोर्ट ने इसे खारिज किया है आपको बता दें कि वादी वरिष्ठ कांग्रेस नेता व अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने आगरा के विशेष न्यायाधीश MP-MLA कोर्ट में कंगना राणावत के विरुद्ध देशद्रोह व राष्ट्र अपमान की धाराओं में 11 सितंबर 2024 को वाद दायर किया था. आरोप लगाया था कि भाजपा सांसद व अभिनेत्री कंगना राणावत ने 26 अगस्त 2024 को एक साक्षात्कार में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाले किसानों को हत्यारा बताया था. इसके साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर भी आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था. इसलिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी. तब से ही कोर्ट में इस केस में सुनवाई चल रही थी. आगरा में राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने 31 अगस्त 2024 को आगरा पुलिस कमिश्नर और न्यू आगरा थाना प्रभारी को शिकायत भेजी थी. जिसमें भाजपा सांसद कंगना राणावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई थी आरोप लगाया था कि कंगना राणावत ने एक इंटरव्यू में दिल्ली के बार्डर पर धरने पर बैठे लाखों किसानों के प्रति अभद्र टिप्पणी की थी. उन्होंने किसानों को हत्यारा और बलात्कारी तक कहा था. साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांत का मजाक उड़ाया था. अधिवक्ता रमाकांत शर्मा ने बताया कि आज MP-MLA कोर्ट के न्यायाधीश अनुज कुमार सिंह ने वाद को खारिज करने का आदेश जारी किया है. जिसमें उन्होंने तीन बिंदु लिखे हैं पहला बिंदु वादी और उसके परिवार का कोई भी सदस्य किसान आंदोलन में शामिल नहीं था. दूसरे बिंदु में लिखा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मृत्यु हो चुकी है. उनके परिवार का कोई व्यक्ति ही ये वाद कर सकता है. इसके साथ ही वाद को खारिज करने में तीसरे बिंदु में लिखा है कि वाद दायर करने से पहले किसी भी मजिस्ट्रेट से इस बारे में मंजूरी नहीं ली गई!Tags :
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