Sun 16 Nov 2025

ब्रेकिंग

रातभर गूंजते रहे भजन

भिड़न्त,दो युवकों की दर्दनाक मौत,मची चीख पुकार!

ग्रामीणों ने दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

80 दुकानों की पड़ताल, 60 नमूने सील

चोरी करने के मामले में एक्शन,दो अभियुक्त गिरफ्तार, सरगना समेत अन्य की तलाश जारी!

सुचना

BREAKING NEWS

CRIME BREAING

: सरकारी बस से प्याज की ढुलाई का खुलासा, मंडी के कागजों में ई-रिक्शा और डंफर के नंबर दर्ज

सैय्यद फैज़ान शीबू रहमान

Sat, Nov 1, 2025
Post views : 16

नंबर प्लेट गायब, सवाल की जद में मंडी समिति और परिवहन विभाग

सैय्यद फैज़ान शीबू रहमान

उन्नाव। नवीन मंडी परिसर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने मंडी और परिवहन विभाग दोनों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां सरकारी रोडवेज बस में प्याज की ढुलाई का वीडियो सामने आने के बाद हड़कंप मच गया।जानकारी के मुताबिक, मध्य प्रदेश के शिवपुरी से करीब 350 किलोमीटर दूर से लगभग 95 कुंतल प्याज एक सरकारी बस में भरकर उन्नाव की नवीन मंडी लाया गया। यह वही बस है, जो आमतौर पर यात्रियों को ढोने के लिए चलती है। जब इस पूरे मामले की जानकारी पत्रकारों को हुई और उन्होंने मंडी अधिकारियों से सवाल किए, तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया। जब दस्तावेज़ मांगे गए तो और चौंकाने वाला सच सामने आया। मंडी समिति के कागज़ों में जिस डीसीएम वाहन से प्याज आने का उल्लेख था, वह डीसीएम नहीं बल्कि ई-रिक्शा और डंफर के नंबर थे। यानी कागज़ों में कुछ, और ज़मीन पर कुछ और अब सवाल उठ रहा है कि आखिर सरकारी बस का इस्तेमाल व्यावसायिक माल ढुलाई के लिए किसकी अनुमति से किया गया?

भाड़े के खेल पर उठे सवाल

सूत्रों के मुताबिक सरकारी बसों का इस्तेमाल करके भाड़े में हेराफेरी की जा रही। मंडी समिति के कुछ कर्मचारियों और बस चालकों की मिलीभगत की चर्चा भी जोर पकड़ रही है। बताया जा रहा है कि बसों के जरिए माल ढुलाई कर अंदरखाने पैसे का लेनदेन हो रहा है। अब जांच में यह साफ होना बाकी है कि इस खेल में कौन-कौन शामिल हैं और किसकी शह पर सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग किया जा रहा है।

नम्बर-प्लेट गायब, सवालों के घेरे में सरकारी बस यात्रा

उन्नाव नवीन मंडी में लाई गई प्याज से जुड़ा मामला अब और पेचीदा हो गया है। जिस बस से प्याज की ढुलाई हुई, वह सरकारी बताई जा रही है, बस में उत्तर प्रदेश परिवहन लिखा हुआ है लेकिन उस पर वाहन नंबर तक नहीं लिखा मिला। बस की नंबर-प्लेट गायब होने से उसकी पहचान को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या यह बस मध्यप्रदेश से बिना रजिस्ट्रेशन के उत्तर प्रदेश तक दौड़ती रही, या फिर चालकों ने जानबूझकर नंबर प्लेट हटा दी ताकि पकड़े न जा सकें? हैरानी की बात यह भी है कि सरकारी बस में नम्बर प्लेट न होने के कारण यह साफ नहीं हो पा रहा कि वह किस राज्य या जिले की थी। मामले की गंभीरता इसी से समझी जा सकती है कि एक राज्य की सरकारी बस बिना पहचान के दूसरे राज्य की सड़कों पर चलती रही और मंडी तक पहुंच गई। अब परिवहन और मंडी विभाग दोनों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।

प्रशासन के लिए बड़ा सवाल

स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि अगर सरकारी बसों को इस तरह माल ढुलाई में इस्तेमाल किया जाने लगा, तो यह सीधे तौर पर सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग है। फिलहाल मंडी परिसर में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या मंडी में “कागज़ों का खेल” चल रहा है? सरकारी बस से प्याज ढुलाई के पीछे कौन हैं जिम्मेदार? और क्या इस खेल में विभागीय मिलीभगत है? प्रशासन की तरफ से अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन मामला उजागर होने के बाद जांच की मांग तेज हो गई है। अगर जांच निष्पक्ष हुई, तो कई चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।

Tags :

विज्ञापन

विज्ञापन

जरूरी खबरें

विज्ञापन