: बिहार SIR याचिकाओं पर 1 सितंबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, सबकी नजरें रहेंगी कोर्ट पर!
THE LUCKNOW TIMES
Fri, Aug 29, 2025
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बिहार SIR याचिकाओं पर 1 सितंबर को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, सबकी नजरें रहेंगी कोर्ट पर!
नई दिल्ली : दरअसल सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को बिहार मतदाता सूची के मसौदे से संबंधित विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के संबंध में दावे और आपत्तियां दाखिल करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग वाली याचिकाओं पर 1 सितंबर, 2025 को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है, जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने इस मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया,बेंच ने मामले को सोमवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति व्यक्त की भूषण ने बेंच के समक्ष तर्क दिया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कुछ अन्य ने मसौदा मतदाता सूची के संबंध में दावे और आपत्तियां दाखिल करने की 1 सितंबर की समय सीमा बढ़ाने के लिए आवेदन दायर किए हैं बेंच ने वकील से कहा कि वह इस अनुरोध के साथ चुनाव आयोग के समक्ष जाएं, हालांकि, वकील ने बेंच को सूचित किया कि उन्होंने चुनाव आयोग से संपर्क किया है और वह समय सीमा नहीं बढ़ा रहा है. 22 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि भारत के चुनाव आयोग को बिहार एसआईआर में आधार कार्ड या किसी अन्य स्वीकार्य दस्तावेज के साथ हटाए गए मतदाताओं के दावे ऑनलाइन जमा करने की अनुमति देनी चाहिए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के राजनीतिक दलों की भी आलोचना की थी कि SIR के दौरान मसौदा मतदाता सूची से बाहर रह गए लोगों को दावे और आपत्तियां दर्ज कराने में सहायता करने में वे निष्क्रिय रहे. बेंच ने पूछा कि राजनीतिक दलों ने 65 लाख से अधिक हटाए गए मतदाताओं की सहायता क्यों नहीं की. बेंच ने कहा, "राजनीतिक दल अपना काम नहीं कर रहे हैं... आपके बीएलए (बूथ स्तरीय एजेंट) क्या कर रहे हैं. राजनीतिक दलों को मतदाताओं की मदद करनी चाहिए...." बेंच ने मौखिक रूप से कहा कि यद्यपि राजनीतिक दलों के लगभग 1.6 लाख बीएलए हैं, लेकिन उनकी ओर से केवल दो आपत्तियां आई हैं. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह तर्क दिया गया कि चुनाव अधिकारी बीएलए द्वारा दी गई आपत्तियों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. बेंच ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची की एसआईआर प्रक्रिया में भौतिक रूप से दावा प्रस्तुत करने के अलावा, बाहर किए गए मतदाताओं को ऑनलाइन माध्यम से भी दावे प्रस्तुत करने की अनुमति दे. बेंच ने इस बात पर जोर दिया कि SIR की पूरी प्रक्रिया मतदाता-अनुकूल होनी चाहिए और राजनीतिक दलों से आगे आने का आग्रह किया. सुप्रीम कोर्ट की बेच ने कहा कि चुनाव आयोग को बिहार SIR के लिए आधार कार्ड या किसी अन्य स्वीकार्य दस्तावेज के साथ हटाए गए मतदाताओं के दावे ऑनलाइन प्रस्तुत करने की अनुमति देनी चाहिए, चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि, बिहार एसआईआर में 85,000 नए मतदाता सामने आए हैं, और राजनीतिक दलों के बूथ स्तरीय एजेंटों द्वारा केवल 2 आपत्तियां दर्ज की गई हैं!Tags :
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